दाखिल खारिज के नियम – दस्तावेज, समय, शिकायत आदि सभी जानकारी

क्या आप अपनी जमीन के मालिकाना हक को कानूनी रूप से मान्य करवाना चाहते हैं? या फिर आपने कोई जमीन खरीदी है और अब आप उसके कागजात दुरुस्त करवाना चाहते हैं?

अगर आपका जवाब हां है, तो आपको दाखिल खारिज के नियम की प्रक्रिया के बारे में जानना बहुत जरूरी है। दाखिल खारिज एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया है जिसके ज़रिए किसी जमीन के मालिकाना हक में बदलाव को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है।

यह प्रक्रिया कई कारणों से की जाती है जैसे कि जमीन की खरीद-फरोख्त, विरासत में मिली जमीन, या फिर जमीन के बंटवारे आदि।

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इस लेख में हम दाखिल खारिज के नियम, इसकी प्रक्रिया, और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

विषयविवरण
दाखिल खारिजसंपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया है।
दस्तावेजआधार कार्ड, प्रॉपर्टी टैक्स, रजिस्ट्री डीड आदि।
समय सीमारजिस्ट्री के बाद 35-45 दिनों के भीतर।
आपत्ति दर्जअस्वीकृति पर नोटिस के माध्यम से।
रद्दसीओ द्वारा अधूरे या गलत दस्तावेज़ों के कारण।
रजिस्ट्री निरस्तविशेष परिस्थितियों में रजिस्ट्री निरस्त हो सकती है।

दाखिल खारिज क्या होता है

दाखिल-खारिज का सीधा सा मतलब है कि किसी जमीन के मालिकाना हक में हुए बदलाव को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना। यह प्रक्रिया तब होती है जब एक व्यक्ति अपनी जमीन या संपत्ति को किसी और के नाम पर दर्ज कराता है।

इस प्रक्रिया में विक्रेता के नाम को निरस्त कर क्रेता के नाम को को राजस्व रिकॉर्ड में अपडेट किया जाता है। इसी प्रक्रिया को दाखिल-खारिज या इसे संपत्ति का नामांतरण भी कहा जाता है।।

दाखिल खारिज के नियम क्या है

दाखिल-खारिज के नियम राज्य से राज्य में भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य नियम हैं जो सभी राज्यों जैसे यूपी ,बिहार और अनेक राज्यों मे लागू होते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • दाखिल-खारिज के लिए आपको तहसील अंचल में जाकर आवेदन देना होगा जिसमें आपकी जमीन की पूरी जानकारी, नए मालिक का नाम, और बदलाव का कारण दिया गया हो।
  • आपको आवेदन के साथ कुछ आवश्यक दस्तावेज़ आधार कार्ड, प्रॉपर्टी टैक्स पेमेंट रिसीप्ट, सेल डीड आदि दस्तावेज़ जमा करने होंगे |
  • दाखिल-खारिज के लिए आपको एक निश्चित शुल्क देना होगा।
  • सत्यापन के बाद, संबंधित अधिकारी दाखिल-खारिज का आदेश जारी करेंगे।
  • जमीन की रजिस्ट्री के बाद 35 से 45 दिनों के अंदर दाखिल खारिज कराना चाहिए। अगर आपने समय सीमा के अंदर दाखिल खारिज नहीं करवाया तो विक्रेता को संपत्ति बेचने का अधिकार पुनः प्राप्त हो सकता है।
  • दाखिल खारिज के लिए आवेदन रद्द करने से पहले अंचलाधिकारी या राजस्व अधिकारी को आवेदक को नोटिस देना होता है।
  • आवेदक को आपत्तियों के बारे में जानकारी देकर उसका पक्ष सुना जाता है।
  • अगर दस्तावेज़ अधूरे या गलत पाए जाते हैं, तो सीओ आवेदन को अस्वीकृत कर सकते हैं।
  • रद्द किए गए आवेदन में कारणों का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
  • यदि कोई आपत्ति है तो उसे दर्ज करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

दाखिल खारिज कौन करता है

दाखिल खारिज की प्रक्रिया राज्य के राजस्व विभाग द्वारा की जाती है। यह प्रक्रिया तहसील के राजस्व अधिकारी के अधीन होती है।

यदि किसी व्यक्ति को दाखिल खारिज कराना है, तो उसे संबंधित राज्य के राजस्व विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन करना होता है। आवेदन के बाद, अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर दाखिल खारिज की प्रक्रिया को पूरा करते हैं।

दाखिल खारिज कैसे देखें

आप अपनी जमीन के दाखिल-खारिज की स्थिति ऑनलाइन या फिर संबंधित तहसील कार्यालय में जाकर देख सकते हैं।

कई राज्यों ने ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए हैं जैसे उत्तर प्रदेश की सरकारी वेबसाइट igrsup.gov.in जिनके माध्यम से आप अपनी जमीन की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

दाखिल खारिज का स्टेटस कैसे देखें

दाखिल-खारिज का स्टेटस जानने के लिए आपको संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा और अपनी जमीन की जानकारी दर्ज करनी होगी।

कुछ वेबसाइटों पर आपको एक ट्रैकिंग नंबर दिया जाता है जिसकी मदद से आप अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।

दाखिल खारिज में क्या-क्या लगता है

दाखिल खारिज के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड
  • प्रॉपर्टी टैक्स पेमेंट रिसीप्ट
  • सेल डीड
  • राशन कार्ड
  • वर्तमान और पिछली रजिस्ट्रेशन डीड

दाखिल खारिज कितने दिन में होता है

जमीन की रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज की प्रक्रिया 35 से 45 दिनों के भीतर पूरी कर लेनी चाहिए। यदि इस अवधि के अंदर दाखिल खारिज नहीं कराया जाता, तो विक्रेता संपत्ति को किसी और को भी बेच सकता है, जिससे खरीदार को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।

दाखिल खारिज आपत्ति कैसे करे

अगर आपको किसी दाखिल-खारिज के आदेश से असहमति है, तो आप उस पर आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। आपत्ति दर्ज करने के लिए आपको संबंधित अधिकारी को एक आवेदन देना होगा जिसमें आप अपनी आपत्ति का कारण स्पष्ट रूप से बताएंगे।

दाखिल खारिज में कितना पैसा लगता है

दाखिल-खारिज के लिए लगने वाला शुल्क राज्य से राज्य में और जमीन के मूल्य के आधार पर भिन्न हो सकता है।

सामान्य शुल्क: ₹200

संपत्ति की कीमत के आधार पर शुल्क:

  • ₹5 लाख तक: ₹1,000
  • ₹5 लाख से ₹10 लाख: ₹2,000
  • ₹10 लाख से ₹15 लाख: ₹3,000
  • ₹15 लाख से ₹50 लाख: ₹5,000
  • ₹50 लाख से अधिक: ₹10,000

क्या मकान का दाखिल खारिज होता है?

हाँ, मकान के लिए भी दाखिल खारिज की प्रक्रिया आवश्यक होती है। मकान के लिए रजिस्ट्री करवाई जाती है।

FAQs

दाखिल खारिज कैसे रोके?

दाखिल खारिज रोकने के लिए आप कोर्ट में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

क्या रजिस्ट्री निरस्त हो सकती है?

हाँ, यदि रजिस्ट्री में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो उसे निरस्त किया जा सकता है।

दाखिल खारिज रिजेक्ट होने पर क्या करें?

अस्वीकृति के कारणों का पता लगाएं और डीएम से शिकायत दर्ज करें।

जमीन की दाखिल खारिज कितने दिन में हो जाती है?

35 से 45 दिनों में दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

Conclusion

दोस्तों, मुंझे आशा है की आप दाखिल ख़ारिज के नियम से लेकर दस्तावेज, समय सीमा, शिकायत  आदि इससे सबंधित सभी जानकारी आपको सिर्फ एक ही लेख में मिल गया होगा |

यदि आपको अभी भी इस लेख से सबंधित या फिर विशेष कोई एक राज्य का दाखिल ख़ारिज की सभी जानकारी पाना चाहते है तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरुर बताए |

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आपका इस लेख को अंत तक पढने के लिए बहुत ही धन्यवाद !

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